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Showing posts from December, 2018

ये कुत्ते विलुप्त हो रही प्रजातियों को बचाते हैं

न्यूजीलैंड के पर्यावरण संरक्षणवादी रिचर्ड हेनरी ने 1890 के दशक में दुर्लभ स्थानीय पक्षियों को बचाने के लिए अपने पालतू कुत्ते को प्रशिक्षित किया था. दूसरे देशों से न्यूजीलैंड आए स्टोट ( वीजल फ़ैमिली का छोटा मांसाहारी जीव) किवी और काकापो (तोता) पक्षियों को मारकर ख़त्म कर रहे थे. हेनरी ने इन पक्षियों को रिजॉल्यूशन द्वीप पहुंचाने के लिए अपने कुत्ते पर भरोसा किया. तैरने वाले स्टोट ने उनके इन शुरुआती प्रयासों को विफल कर दिया, लेकिन उनके तरीके ने 1998 में सरकार समर्थित कंजर्वेशन डॉग प्रोग्राम का रास्ता तैयार किया. इनकी नाक है सबसे खास कुत्ते फुर्तीले और वफ़ादार होते हैं. उनमें ऐसी कई खूबियां होती हैं जो उन्हें फील्ड वर्क में दमदार बनाती हैं. उनकी सबसे बड़ी खूबी है उनकी नाक यानी सूंघने की ताक़त. वैसे इंसानों की नाक भी कम नहीं है. वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हम इंसान 10 खरब अलग-अलग गंधों की पहचान कर सकते हैं. लेकिन कुत्ते इंसानों से कहीं आगे हैं. उनकी नाक की नम सतह गंध के अणुओं को फंसा लेती है. कुत्ते की नाक में गंध पहचानने वाले 22 करोड़ रिसेप्टर होते हैं, जबकि इंसानों में उनक

बॉलीवुड 2018: दीपिका की पद्मावत या आलिया की राज़ी ?

इस साल के शुरु में आई अनुराग कशयप की फ़िल्म 'मुक्काबाज़' में हीरो का यही रिएक्शन होता है जब वो चोरी-चोरी हीरोइन को देखता है. लेकिन फ़िल्म की हीरोइन खुल्लम-खुल्ला, भरे बाज़ार में हीरो को निहारती है, वो भी ऐसे की बरेली का हमारा बॉक्सर हीरो भी शर्मा जाए. फ़िल्म की हीरोइन ज़ोया न बोल सकती है, न सुन सकती है. लेकिन प्रेम कहानी में पहल वही करती है. मुक्काबाज़ के एक सीन में ज़ोया एक विकलांग व्यक्ति से शादी करने से इनकर कर देती है -इसलिए नहीं कि लड़का विकलांग है बल्कि इसलिए कि वो नहीं चाहती कि कोई तरस खाके उससे शादी करे और इसलिए भी कि वो किसी और से प्यार करती है. जिस तरह से इस मज़बूत महिला किरदार को मुक्काबाज़ में दिखाया गया उसने उम्मीद जगाई कि औरत के किरदार को फ़िल्मों में डेकोरेशन पीस की तरह नहीं रखा जाएगा. तो कैसा रहा साल 2018 इस लिहाज़ से ? 2018 में राज़ी जैसी फ़िल्म का आना जिसमें आलिया भट्ट मुख्य किरदार में थी और जिसे एक महिला निर्देशक मेघना गुलज़ार ने बनाया था और जिसने 100 करोड़ बनाए...एक सुखद एहसस था. बिना किसी पुरुष सुपरहीरो वाली फ़िल्म को कॉमर्शियल कामयाबी चंद हिंद

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम पर एक क्यों नहीं होता विपक्ष?- नज़रिया

मसलन, 'क्या राहुल गांधी के नाम पर विपक्ष एकजुट हो सकता है? उनके नाम पर कई विपक्षी नेता सहमत नहीं हैं, फिर विपक्षी गठबंधन का क्या भविष्य होगा? क्या राहुल गांधी 2019 में प्रधानमंत्री मोदी के सामने टिकेंगे?' ऐसे ज़्यादातर सवाल भाजपा और उसके शीर्ष नेता यानी प्रधानमंत्री मोदी की 'अपराजेय छवि' के बोझ से दबे नज़र आते हैं. ये सवाल स्वाधीनता-बाद की भारतीय राजनीति के संक्षिप्त इतिहास को भी नज़रंदाज करते हैं. विपक्ष ने कब एक 'सर्वस्वीकार्य नेता' की अगुवाई में लोकसभा चुनाव लड़ा? संसदीय चुनावों में जब कभी विपक्ष, ख़ासकर गैर-भाजपा अगुवाई वाले गठबंधन या मोर्चे को कामयाबी मिली, उसके नेता यानी भावी प्रधानमंत्री का चयन हमेशा चुनाव के बाद ही हुआ. विपक्ष में नाम तय करने की परंपरा किसी एक नाम पर पहले से कभी सहमति नहीं बनी या उसकी ज़रुरत नहीं समझी गई. आज़ादी के बाद लंबे समय तक कांग्रेस सत्ताधारी रही, इसलिए उसके संसदीय दल द्वारा निर्वाचित नेता प्रधानमंत्री होते थे. व्यावहारिक तौर पर उनकी अगुवाई में वह अपना चुनाव अभियान चलाती थी. लेकिन विपक्ष द्वारा पहले से नेता की घ

राफेल पर SC के फैसले में बाकी है विपक्ष के पास विरोध की गुंजाइश?

राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हंगामा मच गया है. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट के फैसले को गलत बताया है. वहीं, संसद में कांग्रेस, टीएमसी समेत पूरा विपक्ष जेपीसी की मांग पर अड़ा हुआ है. यही नहीं, कांग्रेस ने विमानों की कीमत को फिर से मुद्दा बनाने की कोशिश की है. कांग्रेस का कहना है कि हम कभी सुप्रीम कोर्ट नहीं गए. हम जेपीएसी की मांग शुरू से कर रहे हैं. कोर्ट के इस फैसले पर विश्लेषकों की राय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने संवैधानिक दायरे में रहते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट मामले की तह तक नहीं गई है. जिस कारण विवाद था यानि बेंचमार्क प्राइज के मामले में कोर्ट ने दखल देने से ही मना कर दिया है. बेंचमार्क प्राइज को लेकर था विवाद बीते 15 नवंबर को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया था, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफसरों, रक्षा मंत्री और रक्षा खरीद परिषद की राय के खिलाफ जाकर लड़ाकू विमानों के 'बेंचमार्क प्राइज' (आधार मूल्य) को 39,422 करोड़ से बढ़ाकर 62,166 करोड़ रुपये कर दिया. बीजेपी बेंचमार्क प्राइज को बढ़ाकर अनिल अंबानी की कंपनी रिला

उर्जित पटेल के इस्तीफ़े पर क्या बोले नरेंद्र मोदी और अरूण जेटली

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा है कि ये फ़ैसला उन्होंने निजी कारण से लिया है. उर्जित पटेल ने इस संबंध में विस्तृत बयान आरबीआई की वेबसाइट पर जारी किया है. आरबीआई और सरकार के बीच तकरार की ख़बरें बीते कुछ समय से लगातार चल रही थीं. उर्जित पटेल का इस्तीफ़ा मोदी सरकार के लिए कितना अधिक महत्वपूर्ण है इसकी झलक इसी बात से लगाई जा सकती है कि पटेल के इस्तीफ़े की ख़बर के आने के थोड़ी ही देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में ट्वीट किया. प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है, ''डॉक्टर उर्जित पटेल बहुत ही अच्छी बौद्धिक क्षमता वाले और मैक्रो-इकोनॉमिक्स के बहुत अच्छे जानकार अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने देश के बैंकिंग सिस्टम को सही तरीके से व्यवस्थित किया . उनके नेतृत्व में आरबीआई को वित्तीय स्थिरता मिली.'' मोदी ने एक और ट्वीट कर लिखा, ''डॉ. उर्जित पटेल निर्विवाद रूप बहुत ही काबिल और पेशेवर व्यक्ति हैं. वो पिछले छह साल से रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया में डिप्टी गवर्नर और गवर्नर के तौर पर काम करते रहे. वो अपने पीछे