इमरान हाशमी के हाथ लगी सबसे बड़ी ख़ुशी
18 जनवरी को अभिनेता इमरान हाशमी की फ़िल्म 'Why Cheat India' रिलीज़ होने वाली है. इमरान इसे लेकर बेहद ख़ुश हैं लेकिन उन्हें इससे भी बड़ी एक और ख़ुशी मिली है.
इमरान हाशमी के बेटे अयान ने कैंसर से जंग जीत ली है. पांच साल तक चले इलाज के बाद अब उन्हें पूरी तरह कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया है.
इमरान ने इंस्टाग्राम पर अपने बेटे अयान के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "आज, इलाज के पांच साल के बाद अयान को कैंसर मुक्त क़रार दिया गया है. यह भी अपने आप में एक संघर्षभरी यात्रा रही. आप सभी की दुआओं और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद."
लंबे समय बाद फ़िल्मों में वापसी कर रहे इमरान हाशमी और अभिनेत्री श्रेया धनवंतरी से बीबीसी ने की ख़ास बातचीत.
इमरान कहते हैं, "हमारे देश में जो चीटिंग माफ़िया है वो बहुत बड़ा है, इस बात का इल्म मुझे नहीं था. जब मैं स्कूल में था तब भी चीटिंग हुआ करती थी, पेपर लीक किये जाते थे लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि चीटिंग का इस तरीक़े का बड़ा माफ़िया ग्रुप होता है, अब तो इसका बिज़नेस हो गया है. ऐसे में वो विद्यार्थी पीछे रह जाते हैं जो असल में उस एडमिशन सीट के असली हक़दार होते हैं. उनकी सीट्स वो छात्र ले जाते हैं जो इन माफ़िया लोगों को पैसे देकर बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर, स्कॉलर लोगों को उनकी जगह बैठाकर एग्ज़ाम दिलवाते हैं और बड़े-बड़े कॉलेजों में एडमिशन ले लेते हैं."
वैसे इमरान हाशमी अपनी पुरानी इमेज 'शंघाई' और 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई' जैसी फिल्मों से तोड़ चुके हैं, पर आज भी लोग उन्हें उसी तरह से देखते हैं.
इस बात पर इमरान कहते हैं कि "मेरे करियर में एक अभिनेता होते हुए, मैं अलग-अलग तरह की फ़िल्में करना चाहता हूँ. पर आज भी कई लोग हैं जो वहीं फंसे हुए हैं मेरी पुरानी फ़िल्मों को देख कर, मैं उन्हें कुछ कहना नहीं चाहता, बस अब मैं और फ़िल्में करना चाहता हूँ जिससे उन लोगों के दिमाग़ की वो छवि बदल सकूँ."
जब इमरान से पूछा गया कि क्या कभी वो चीटिंग करते पकड़े गए हैं? तो जवाब में वो कहते हैं, "मैं कभी चीटिंग करते हुए नहीं पकड़ा गया, बल्कि मुझे तो मेरी इकोनॉमिक्स टीचर ने ही कहा था कि चीटिंग कर लो, जब तक दूसरी टीचर नहीं आती. जब वो आएँगी तब मैं सतर्क कर दूंगी, तब किताबें छुपा लेना."
इस फ़िल्म की कहानी एक ऐसे आदमी पर आधारित है जो अकादमिक दुनिया से धोखा कर पैसा कमाने का धंधा करता है.
पढ़ाई की दुनिया एक ऐसी दुनिया है जहां अवसर बहुत लोगों को मिलता है जबकि सफलता की चाह रखने वाले करोड़ों की संख्या में होते हैं.
इमरान हाशमी के अलावा श्रेया धनवंतरी भी इस फ़िल्म में लीड रोल में है.
श्रेया धनवंतरी ने ब्यूटी कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने के साथ ही एक्टिंग वर्ल्ड में आने का सपना देखा था.
वो कहते हैं, "हर कोई रट्टा ही मारने में लगा रहता हैं. रट्टा मारना सबसे बड़ी दिक़्क़त हैं. इन्हीं सब चीज़ों से प्रेरणा लेकर डायरेक्टर सौमिक सेन ने व्हाय चीट इंडिया जैसी फ़िल्म बनाने का सोचा."
इमरान हाशमी के बेटे अयान ने कैंसर से जंग जीत ली है. पांच साल तक चले इलाज के बाद अब उन्हें पूरी तरह कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया है.
इमरान ने इंस्टाग्राम पर अपने बेटे अयान के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "आज, इलाज के पांच साल के बाद अयान को कैंसर मुक्त क़रार दिया गया है. यह भी अपने आप में एक संघर्षभरी यात्रा रही. आप सभी की दुआओं और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद."
लंबे समय बाद फ़िल्मों में वापसी कर रहे इमरान हाशमी और अभिनेत्री श्रेया धनवंतरी से बीबीसी ने की ख़ास बातचीत.
इमरान कहते हैं, "हमारे देश में जो चीटिंग माफ़िया है वो बहुत बड़ा है, इस बात का इल्म मुझे नहीं था. जब मैं स्कूल में था तब भी चीटिंग हुआ करती थी, पेपर लीक किये जाते थे लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि चीटिंग का इस तरीक़े का बड़ा माफ़िया ग्रुप होता है, अब तो इसका बिज़नेस हो गया है. ऐसे में वो विद्यार्थी पीछे रह जाते हैं जो असल में उस एडमिशन सीट के असली हक़दार होते हैं. उनकी सीट्स वो छात्र ले जाते हैं जो इन माफ़िया लोगों को पैसे देकर बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर, स्कॉलर लोगों को उनकी जगह बैठाकर एग्ज़ाम दिलवाते हैं और बड़े-बड़े कॉलेजों में एडमिशन ले लेते हैं."
वैसे इमरान हाशमी अपनी पुरानी इमेज 'शंघाई' और 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई' जैसी फिल्मों से तोड़ चुके हैं, पर आज भी लोग उन्हें उसी तरह से देखते हैं.
इस बात पर इमरान कहते हैं कि "मेरे करियर में एक अभिनेता होते हुए, मैं अलग-अलग तरह की फ़िल्में करना चाहता हूँ. पर आज भी कई लोग हैं जो वहीं फंसे हुए हैं मेरी पुरानी फ़िल्मों को देख कर, मैं उन्हें कुछ कहना नहीं चाहता, बस अब मैं और फ़िल्में करना चाहता हूँ जिससे उन लोगों के दिमाग़ की वो छवि बदल सकूँ."
जब इमरान से पूछा गया कि क्या कभी वो चीटिंग करते पकड़े गए हैं? तो जवाब में वो कहते हैं, "मैं कभी चीटिंग करते हुए नहीं पकड़ा गया, बल्कि मुझे तो मेरी इकोनॉमिक्स टीचर ने ही कहा था कि चीटिंग कर लो, जब तक दूसरी टीचर नहीं आती. जब वो आएँगी तब मैं सतर्क कर दूंगी, तब किताबें छुपा लेना."
इस फ़िल्म की कहानी एक ऐसे आदमी पर आधारित है जो अकादमिक दुनिया से धोखा कर पैसा कमाने का धंधा करता है.
पढ़ाई की दुनिया एक ऐसी दुनिया है जहां अवसर बहुत लोगों को मिलता है जबकि सफलता की चाह रखने वाले करोड़ों की संख्या में होते हैं.
इमरान हाशमी के अलावा श्रेया धनवंतरी भी इस फ़िल्म में लीड रोल में है.
श्रेया धनवंतरी ने ब्यूटी कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने के साथ ही एक्टिंग वर्ल्ड में आने का सपना देखा था.
वो कहते हैं, "हर कोई रट्टा ही मारने में लगा रहता हैं. रट्टा मारना सबसे बड़ी दिक़्क़त हैं. इन्हीं सब चीज़ों से प्रेरणा लेकर डायरेक्टर सौमिक सेन ने व्हाय चीट इंडिया जैसी फ़िल्म बनाने का सोचा."
Comments
Post a Comment